allah kabir

40 Pins
·
1y
Quran
पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण सूरः अल बकरा-2 की आयत नं. 243:- तुमने उन लोगों के हाल पर भी कुछ विचार किया जो मौत के डर से अपने घर-बार छोड़कर निकले थे और हजारों की तादाद में थे। अल्लाह ने उनसे कहा मर जाओ। फिर उसने उनको दोबारा जीवन प्रदान किया। हकीकत यह है कि अल्लाह इंसान पर बड़ी दया करने वाला है। मगर अधिकतर लोग शुक्र नहीं करते।
Islam
सूरह अश् शूरा-42 आयत 1-2 में सांकेतिक शब्द बताए हैं:- 1. हा. मीम, 2.अैन, सीन, काफ। ये मोक्ष मंत्र हैं। परंतु अधूरे हैं। इनका ज्ञान न हजरत मुहम्मद जी को था, न किसी मुसलमान श्रद्धालु को। फिर मुक्ति कैसे मिलेगी? यदि कोई यह कहे कि नबी मुहम्मद जी को तो इनका ज्ञान होगा? यदि नबी जी को ज्ञान होता तो क्या अपने साथियों को नहीं बताते? एक-एक शब्द मुसलमानों से शेयर किया करते।
Islamic
#HiddenSecretsInQuran 🌙सूक्ष्मवेद में कहा है कि :— वही मोहम्मद वही महादेव, वही आदम वही ब्रह्मा। दास गरीब दूसरा कोई नहीं, देख आपने घरमा॥ मुसलमान धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद जी भगवान शिव के लोक से आए, पुण्यकर्मी आत्मा थे जो परंपरागत साधना ही एक गुफा में बैठकर किया करते थे। शिव जी का एक गण जो ग्यारह रूद्रों में से एक है, वह मुहम्मद जी से उस गुफा में मिले। उन्हीं की भाषा (अरबी भाषा) में काल प्रभु अर्थात्‌ ब्रह्म का संदेश सुनाया। उसी रूद्र को मुसलमान जबरिल फरिश्ता कहते हैं जो नेक फरिश्ता माना जाता
Ramadan 2023
पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:- अल्लाह पहली बार सृष्टि (खिलकित) को उत्पन्न करता है। फिर उसे दोहराएगा। (पुनरावृत्ति करेगा।)
Prophet Muhammad
जब कबीर खुदा ने देखा कि नेक आत्मा मुहम्मद काल के जाल में फँस गए हैं, तब उसे मिले। उनके आग्रह पर उनको ऊपर अपने लोक में जहाँ खुदा का सिंहासन है, लेकर गए। उसका शंकर द्वीप भी दिखाया जहाँ से वह पृथ्वी पर आया था। परंतु मुहम्मद ने सतलोक में रहने की इच्छा व्यक्त नहीं की। इसलिए वापिस शरीर में छोड़ दिया। फिर भी मुहम्मद की समय-समय पर गुप्त मदद करता रहे।
Prophet Muhammad
जब कबीर खुदा ने देखा कि नेक आत्मा मुहम्मद काल के जाल में फँस गए हैं, तब उसे मिले। उनके आग्रह पर उनको ऊपर अपने लोक में जहाँ खुदा का सिंहासन है, लेकर गए। उसका शंकर द्वीप भी दिखाया जहाँ से वह पृथ्वी पर आया था। परंतु मुहम्मद ने सतलोक में रहने की इच्छा व्यक्त नहीं की। इसलिए वापिस शरीर में छोड़ दिया। फिर भी मुहम्मद की समय-समय पर गुप्त मदद करता रहे।
Ramadan Vibes
कबीर जी ने बताया है कि नबी मुहम्मद की आत्मा शिव (तमगुण) देवता के (शंकर द्वीप) लोक से आयी थी। भक्ति में ध्यान अधिक रहता था। जब उनको काल के भेजे फरिश्ते जिब्राईल ने काल ब्रह्म वाला ज्ञान डरा-धमकाकर बताया जो हजरत मुहम्मद ने जनता तक पहुँचाया जो अधूरा तथा काल जाल में फँसाए रखने वाला ज्ञान है।
Ramadan Karim
कुरआन शरीफ(मजीद) सूरह अल् बकरा 2 आयत 21 से 33 तक उस पूर्ण परमात्मा की महिमा के विषय में वर्णन है तथा आयत 34 से अंत तक कुरआन का ज्ञान देने वाले ने अपनी महिमा बताई है तथा अपने ज्ञान अनुसार पूजा विधि बताई है। - बाख़बर संत रामपाल जी महाराज
Ramadan Mubarak
कुरआन ज्ञान दाता अल्लाह ने स्पष्ट किया है कि मैंने ही हजरत मुसा को ‘‘तौरात‘‘ किताब उतारी थी तथा मूसा के लिए पत्थर से पानी के झरने निकाले थे।(सूरह अल् बकरा-2 आयत 41, 53, 60)। हम ही मूसा के बाद एक के बाद दूसरा पैगम्बर भेजते रहे तथा ईसाबिन मरियम को खुली निशानियाँ बख्शी तथा रूहुल कुदस(यानि जिब्राईल) से उनको मदद दी। (सूरह अल् बकरा-2 आयत 87)
Iftar
सूरह अश् शूरा-42 आयत 1-2 में सांकेतिक शब्द बताए हैं:- 1. हा. मीम, 2.अैन, सीन, काफ। ये मोक्ष मंत्र हैं। परंतु अधूरे हैं। इनका ज्ञान न हजरत मुहम्मद जी को था, न किसी मुसलमान श्रद्धालु को। फिर मुक्ति कैसे मिलेगी? यदि कोई यह कहे कि नबी मुहम्मद जी को तो इनका ज्ञान होगा? यदि नबी जी को ज्ञान होता तो क्या अपने साथियों को नहीं बताते? एक-एक शब्द मुसलमानों से शेयर किया करते।
Ramadan
सूरह फुरकान 25 आयत 52-59 में कहा है कि कादर अल्लाह कबीर है जिसने सब रचना की है। उसकी खबर किसी बाखबर से जानो। इससे स्वसिद्ध है कि कुरआन का ज्ञान अधूरा है।
Ramazan
क़ुरआन सूरह फुरकान 25 आयत 52 वह कबीर अल्लाह वही है जिसने छः दिन में सर्व ब्रह्मण्डों को रचा तथा सातवें दिन तख्त पर विराजा। वास्तव में वह अल्लाह कबीर रहमान है। उसके विषय में मैं (कुरआन शरीफ/मजीद का ज्ञान दाता) नहीं जानता। उसकी खबर अर्थात पूर्ण ज्ञान व भक्ति की विधि किसी बाखबर(तत्वदर्शी संत) से पूछो। (आयत 59)
Spiritual
ছ‌‌তি্সগঢ়ৰ বলৌদা বজাৰ নিবাসী কৃষ্ণ দাস পুলিচৰ কথা। তেওঁ ছ‌‌তি্সগঢ়ত পুলিচ হেড কনষ্টেবল পদত কাৰ্যৰত। তেওঁ ১২-১০-২০২০ ত সন্ত ৰামপাল মহাৰাজৰ পৰা নাম দীক্ষা ল'লে। নাম দীক্ষা লোৱাৰ পাছত তেওঁৰ মদ, মাছ-মাংসৰ সেৱন সম্পূৰ্ণভাৱে এৰাই গ'ল। মানসিক সমস্যাও দূৰ হ'ল। সন্ত ৰামপাল মহাৰাজৰ দ্বাৰা দিয়া ভক্তি বিধিৰ পৰা ভক্তসকলক তেনেকুৱাই লাভ হৈ আছে যেনেকুৱা ৬০০ বছৰ আগতে কবীৰ পৰমেশ্বৰে কোৱা ভক্তিৰ দ্বাৰা হৈ আছিল।