Bhagavad Gita

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Sanatan Dharma
पवित्र गीता जी अध्याय 2 श्लोक 12 से स्पष्ट होता है कि गीता ज्ञान दाता भी जन्म-मृत्यु में है तो उनकी भक्ति से हमारा मोक्ष कैसे सम्भव है? अविनाशी परमात्मा और मोक्ष मार्ग को समझने के लिए आज ही निःशुल्क मंगवायें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
Tatvadarshi Sant
गीता अध्याय 11 के श्लोक 32 में गीता ज्ञान दाता कहता है कि मैं सभी लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ काल हूं। कौन है वह काल? पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
Gyan Ganga
गीता जी का ज्ञान देने वाला भगवान गीता अध्याय 4 श्लोक 5 तथा अध्याय 2 श्लोक 12 में कहता है कि मेरा तो जन्म-मृत्यु होती है। फिर अविनाशी परमात्मा कौन है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
Tatvadarshi Sant
गीता अध्याय 15 श्लोक 4 के अनुसार वह लोक कौन सा है जहाँ गए हुए साधक लौटकर इस संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
Kurukshetra
गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 के अनुसार जो व्यक्ति शास्त्र विधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण (पूजा) करते हैं वह न तो सुख प्राप्त करते हैं, न उनका कोई कार्य सिद्ध होता है तथा न ही परमगति को प्राप्त होते हैं। इसलिए अर्जुन जो भक्ति करने तथा न करने योग्य पूजा विधि है, उनके लिए तो शास्त्र ही प्रमाण हैं। अन्य किसी व्यक्ति विशेष या संत ऋषि विशेष के द्वारा दिए भक्ति मार्ग को स्वीकार नहीं करना चाहिए, जो शास्त्र विरुद्ध हो। अधिक जानकारी हेतु अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
Hare Krishna
क्या काल का रूप इतना भयंकर है कि जिसे देखकर अर्जुन जैसा योद्धा भी कांपने लगा। क्या यही कारण है कि पवित्र गीता जी अध्याय 7 श्लोक 25 के अनुसार काल ने अव्यक्त रहने की प्रतिज्ञा की। अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा। और जानें गूढ़ रहस्य।
Gita Tera Gyan Amrit
गीता अध्याय 7 के श्लोक 18 में गीता ज्ञान देने वाला भगवान अपनी भक्ति को अनुत्तम अर्थात घटिया क्यों कह रहा है ? जानने के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
Bhagavad Gita
गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञान दाता खुद को काल कह रहा है और अर्जुन से कह रहा है कि सभी लोकों को खाने के लिए अब प्रकट हुआ हूं। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें अद्भुत पुस्तक ज्ञान गंगा।
Mahabharat
गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में गीता ज्ञान दाता किसी तत्वदर्शी संत की खोज करने को कहता है। आखिर कौन है वह तत्वदर्शी संत? जानने के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।